Haryana सरकार का नया आदेश! क्या अब योग से तय होगा पास या फेल होने का भविष्य

Haryana के स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में योग को वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाने की तैयारी है। योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए राज्य सरकार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है।
अब योग, खेल व अन्य विषयों को शामिल कर पाठ्यक्रम तैयार कर औपचारिक रूप से परीक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। इससे बच्चों को बचपन से ही योग को समझने और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा मिलेगी।
सरकारी स्कूलों में भी योग पढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए PM मॉडल संस्कृति व कलस्टर स्कूलों में 857 योग सहायकों की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षा विभाग के 25 हजार कर्मचारियों को योग शिक्षक बनाया गया है। सरकारी योग शिक्षा एवं स्वास्थ्य महाविद्यालय खोलने का भी प्रस्ताव है, जिसके लिए नारायणगढ़ या आसपास के क्षेत्रों में भूमि चिन्हित की जा रही है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निदेशक और योग आयोग के रजिस्ट्रार को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार ने कमेटी के गठन के आदेश जारी कर दिए हैं। इस कमेटी को तय अवधि में अपनी अंतिम रिपोर्ट विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी। योग को पहली से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में पहले ही अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जा चुका है।
विश्वविद्यालयों में योग पर शोध को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही योग लेखक प्रोत्साहन योजना लागू की जाएगी। उत्कृष्ट लेखकों को हर साल सम्मानित किया जाएगा। क्रेडिट आधारित प्रणाली शुरू की जाएगी सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के योग प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए क्रेडिट आधारित प्रणाली शुरू की जाएगी।
इसके अलावा, एक अंतरराष्ट्रीय ध्यान केन्द्र भी स्थापित किया जाएगा। इसके लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के अधिकारियों को भूमि चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में योग को शैक्षणिक पाठ्यक्रम के रूप में लागू किया जाएगा। इसके लिए एक समान योग पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा विषयों को इसी वर्ष से आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत मान्यता दी जाएगी। इन विषयों के चिकित्सकों का पंजीकरण भी किया जाएगा।